आंखों में आंसू
दिल में आहें
कांपती है रूह
सर्द हैं निगाहें
किसको जा के दर्द सुनाएं
रुष्ट हुई सब अभिव्यन्जनाएं
रिश्तों के उपवन
सूखते जाएँ
फूल प्यार के
खिलने न पायें
कैसे जीवन को महकाएं
धूमिल हुई सब अभिलाषाएं
मन की व्यथाएं
बढती ही जाएँ
पत्थर दिल लोग
पिघल न पायें
किसको अपना मीत बनाएं
शून्य हुई सब संवेदनाएं
पेट में कीड़े होने के हैं यह लक्षण, जान लीजिये
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यह समस्या खासकर छोटे बच्चों में होती है। कई बार व्यस्कों को भी इसकी शिकायत
रहती है। हम आज की इस पोस्ट में जानेंगे कि पेट में कीड़े होने के क्या क्या
लक्षण...
6 years ago
5 Comments:
शून्य हुई सब संवेदनाएं
दिल को choone wali कविता.............
Bahut hi sundar bhavpoorn rachna...
kya khoob likha hai.....bahut badhiya
अद्भुत रचना...लिखते रहें...
नीरज
bahut achchha laga - bhawpurn rachana
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