जब से दिल लगाया है तुमसे
सब कुछ सहने की आदत हो गई है
इंतज़ार करते है हम तुम्हारा देर तक
तुमको न आने की आदत हो गई है
बात- बात पे मुस्कुराते थे हम
अब तो रोने की आदत हो गई है
कभी तलब करते थे तुम्हे हम
अब तो बेरुखी सहने की आदत हो गई है
जब से सोचना शुरू किया है तुमको
सारी- सारी रात जागने की आदत हो गई है
अब तो चाहे छोड़ भी दो हमें
तुम बिन रहने की आदत हो गई है
जिसे भी चाहा हमने वो छोड़ कर चला गया
अब तो खोने की आदत सी हो गई है
जब से तुम गए हो हमें छोड़ कर
तब से चुप रहने की आदत सी हो गई है
तुमसे न कोई शिकवा न शिकायत है हमें
बस ख़ुद से शिकायत करने की आदत हो गई है
मालूम है कि हमारी किस्मत में तुम नही
बस ख़्वाबों में खोये रहने की आदत हो गई है
तुम जहाँ भी रहो बस खुश रहो
यह दुआओं में मांगने की आदत हो गई है

2 Comments:

RAJNISH PARIHAR said...

dil lagane ke baad to ye sab hi sahna padta hai,aadat dalni padti hai,tadpna padta hai...

दिगम्बर नासवा said...

वाह......कुर्बान रवि जी आपकी इस आदत पर.............. प्यार में अक्सर ऐसी बहुत सी आदतें पढ़ जाती हैं