हँसते हुए आँखों में क्यों आ जाते है आँसू
क्यूँ खुशी को अधूरा सा बना जाते है आँसू
दर्द इतना है सहा, हो गया समुंदर अश्कों का
जाने कहाँ से फ़िर भी आंखों में भर जाते है आँसू
खुश हूँ मैं कोई शिकवा ज़माने से न तकदीर से
मेरी इस बात को झूठा कर जाते है आँसू
शायद ख़बर है उनको भी किस कदर तनहा हूँ मैं
तन्हाई में मेरा साथ निभा जाते है आँसू

3 Comments:

दिगम्बर नासवा said...

सच kahaa है ravi जी.......... aansoo n जाने kahaan से aa जाते हैं............ vaise aansoo तो बे vajah भी aa जाते हैं........... लाजवाब लिखा है

ओम आर्य said...

bahut hi bahut hi sach kaha hai aapne ki ye aansu hi har waqt aapne sath hote hai ...........i ..........sundar abhiwyakti

M VERMA said...

बहुत अच्छी रचना. चित्र भी बहुत खूबसूरत.