बड़ी मुस्तैदी से, अनुशासित ......
वह रोज सुबह अपनी रक्ताभ
आभा लिए ड्यूटी पर बिना नागा आ जाता है
सबसे पहले लाल रंग से सभी दिशाओं को
संवार देता है, फ़िर
सोतों हुओंको जगा देता है
फूलों को खिला देता है
सोये हुए पक्षियों को भी
घोंसलों से उड़ा देता है,
दिन भर , अनवरत....
काम करने के बाद भी वह
कभी नही थकता,
मैंने पूछा - तुम्हारी ऊर्जा का राज?
तुम्हारी शक्ति का राज क्या है?
तुम ऊबते नही हो रोज एक ही काम को करते करते?
उसने खिलखिला कर कहा -
काम करने से जो ऊब गया ,
निश्चित जानो वो डूब गया,
इससे से पहले मै कुछ और पूछता!
वह सुनहरी चूनर वाली के साथ
इतराते हुए पर्वतों के पीछे कहीं
शोख्पूर्ण अदाओं से नज़रों से ओझल हो गया
वह सूरज था ...............
अगर आप मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के दर्द से हैं परेशान, तो जानें कैसे
मिलेगा आराम
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मौजूदा भागमभाग वाली जिंदगी में पता नहीं कब शरीर के किसी भाग का दर्द हमारी
दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है, इसका हमें पता भी नहीं चलता। सुबह उठने के बाद
अक्सर...
5 years ago
2 Comments:
बहुत प्रेरक और सार्थक अभिव्यक्ति है धन्यवाद्
bahut hi sashakt rachna
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