अगर आप मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के दर्द से हैं परेशान, तो जानें कैसे
मिलेगा आराम
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मौजूदा भागमभाग वाली जिंदगी में पता नहीं कब शरीर के किसी भाग का दर्द हमारी
दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है, इसका हमें पता भी नहीं चलता। सुबह उठने के बाद
अक्सर...
5 years ago
4 Comments:
बहुत बढिया गज़ल है।बधाई स्वीकारें।
एक घर की आग थी और सारी बस्ती जल गई
मैं मना करता रहा मत खेल चिंगारी के साथ
सुंदर गजल, ओज से परिपूर्ण।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
bahut bahiya likha hai.
बहुत बेहतरीन गजल है
पढ़वाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
वीनस केसरी
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