अंगूर के बीज भूलने की बीमारी अल्जाइमर को रोकने में सहायक पाए गए हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिन लोगों के मस्तिष्क का ‘हिप्पोकैंपस’ अपेक्षाकृत बड़ा होता है, वे लोग अल्जाइमर जैसे घातक रोग की चपेट में कम आते हैं। ‘हिप्पोकैंपस’ लंबे समय तक याददाश्त को बनाए रखने में सहायक होता है। हाल ही में अमेरिका के ‘आर्गेन हेल्थ एंड साइंस विश्वविद्यालय’ के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन के माध्यम से यह जानकारी दी है। शोधकर्ताओं ने इस विषय के तहत, बारह तेज याददाश्त वाले मृत लोगों के दिमाग का गहनता से अध्ययन किया था।
इन लोगों में पोस्टमार्टम के बाद अल्जाइमर रोग के लक्षणों के बारे में पता चला था। अध्ययनकर्ता डेनिज इर्टेन-लियोन्स ने बताया कि अध्ययन में 23 ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया जिनकी याददाश्त और दिमाग तो उक्त लोगों की भांति तेज था। लेकिन इन लोगों के अल्जाइमर रोग से पीड़ित होने के बारे में मरने से पहले ही पता चल गया था। अध्ययनकर्ताओं को ज्ञात हुआ कि जिन लोगों में पोस्टमार्टम के बाद अल्जाइमर का पता चला था उनके दिमाग का ‘हिप्पोकैंपस’ भाग अपेक्षाकृत 20 गुना बड़ा था। अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति का दिमाग काफी कमजोर हो जाता है। वह अपनी याददाश्त भी खोने लगता है।
मानव याददास्त को बढ़ाने के लिए प्रयास अब भी जारी हैं।
फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय के जिन फु झाउ के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के एक समूह ने चूहे पर किए प्रयोग में पाया कि अंगूर के बीज के रस को भोजन के रूप में देने से दिमाग में ‘अमीलायड प्रोटीन’ का बनना रुक जाता है। चूहों पर इस दवा के सफल प्रयोग से उत्साहित संस्थान ने अमेरिका स्थित पेटेंट कार्यालय में इसके पेटेंट के लिए दावा किया है। शिकागो में ‘एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी’ के सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए निष्कर्षो में शोधकर्ताओं ने बताया है कि विटामिन ई का सेवन ‘अल्जाइमर’ (भूलने की बीमारी) के मरीजों को लंबे समय तक जीवित रखने में सहायक है।
राष्ट्रीय वनस्पति शोध संस्थान (एनबीआरआई) के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी हर्बल (जड़ी बूटियों से बनी) टॉनिक विकसित करने का दावा किया है जो भूलने की बीमारी में लाभदायक होगी। एनबीआरआई के एक औषधि विज्ञानी और इस विषय पर शोध कर रहे समूह के सदस्य सी.वी.राव ने आईएएनएस को बताया कि, “हमारा यह हर्बल नुस्खा याददाश्त बढ़ाने में मदद करेगा और इस तरह यह अल्जाइमर्स का इलाज करने में सहायक होगा”। हॉस्टन के ‘ब्लेयर कालेज ऑफ मेडिसिन’ के शोधकर्ताओं ने बताया कि अल्जाइमर की बीमारी के बारे में जाना जाता है कि इस बीमारी के इलाज की प्रक्रिया बहुत धीमी होती है और यह मरीजों के जीवन जीने की अवधि को भी कम देता है, लेकिन अब वे विटामिन ई के सेवन से लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
एक अध्ययन से पता चला है कि दर्द-निवारक दवाओं की एक नई श्रेणी याददाश्त को प्रभावित कर सकती है। ब्राउन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार कुछ खास किस्म की आधुनिक दर्द निवारक दवाएं ‘टीआरपीवीआई’ नामक ‘रिसेप्टर’ (ग्रहणनलिका) का मार्ग अवरूद्ध कर देती हैं, जो स्मरण-शक्ति के लिए जिम्मेदार होती हैं। ‘न्यूरॉन’ पत्रिका के ताजा अंक में इस शोध के बारे जानकारी देते हुए बताया गया है कि टीआरपीवीआई के ऊतकों को ‘एकोंपलिया’ नामक मोटापा घटाने वाली दवा से भी नुकसान पहुंचता है।
गौरतलब है कि यह दवा अमेरिका के अलावा दुनिया भर में प्रचलित है। अमेरिका इस दवा को मान्यता नहीं दे रहा है क्योंकि उसका मानना है कि यह दवा अवसाद और आत्महत्या को बढ़ाने में भी जिम्मेदार होती है। अध्ययन के सह-लेखक वेलोरी पेवलिक के मुताबिक, “यह अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी हाल के अध्ययन में पाया गया था कि हृदय के रोगियों के लिए विटामिन ई का ज्यादा सेवन नुकसानदायक है।”शोधकर्ताओं ने शोध के दौरान अल्जाइमर से ग्रस्त 847 मरीजों को पांच साल तक विटामिन ई का सेवन कराया। उन्होंने पाया कि जिन दो-तिहाई मरीजों ने अपनी दवा के साथ दिन में दो बार विटामिन ई का सेवन किया, उनकी मृत्यु की संभावना 26 फीसदी तक कमी पाई गई।
मस्तिष्क के इलाज में इस्तेमाल होने वाली अन्य दवाओं से इतर यह हर्बल टॉनिक मस्तिष्क के रक्तसंचार अवरोधों को दूर करता है और मस्तिष्क और तंत्रिकाओं के बीच संचार को कायम करता है। अमीलायड बीटा प्रोटीन’ के अधिक उत्पादन या उसे नष्ट करने में शरीर की अक्षमता के कारण दिमाग में ग्रंथियां बनने लगती हैं, जो अल्जाइमर का प्रमुख कारण बनती हैं। अमीलायड की अधिकता के कारण शिराओं के जोड़ क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। इस कारण दिमाग में सूजन आ जाती है। परिणामस्वरूप रोगी की संवेदनशक्ति समाप्त हो जाती है। इसलिए इस अवस्था से निपटना हो तो अंगूर तो खाइए अंगूर के बीज का भी सेवन करें।
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मिलेगा आराम
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मौजूदा भागमभाग वाली जिंदगी में पता नहीं कब शरीर के किसी भाग का दर्द हमारी
दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है, इसका हमें पता भी नहीं चलता। सुबह उठने के बाद
अक्सर...
5 years ago
1 Comments:
lagta hai ab se angoor khana shuru karna hoga.. muje kam pasad hai per ye article padh kar ab se to hana ho hoga...
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