कलम थी हाथ में, लिखना सिखाया आपने,
ताकत थी हाथ में, हौसला दिलाया आपने,
मंजिल थी सामने, रास्ता दिखाया आपने,
हम तो अजनबी थे, दोस्त बनाया आपने।

दुनिया बदल जाए, तुम न बदलना,
मुश्किलों में हो जब भी, याद हमें कर लेना.
मांगे भी आपसे तो क्या मांगे,
देना कुछ चाहो तो बस मुस्कुरा देना।

रहने दे आसमा, जमीं की तलाश कर,
सब कुछ यहीं है न कहीं और तलाश कर।
हर आरजू पूरी हो तो जीने का क्या मज़ा,
जीने के लिए बस एक कमी की तलाश कर।

1 Comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया रचना है।

कलम थी हाथ में, लिखना सिखाया आपने,
ताकत थी हाथ में, हौसला दिलाया आपने,
मंजिल थी सामने, रास्ता दिखाया आपने,
हम तो अजनबी थे, दोस्त बनाया आपने।