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आकर मेरी कब्र पे तुने जो मुस्कुरा दिया,
बिजलियाँ चमक उठी, सारा बदन जला दिया।
जीते जी न पूछा हाल-ऐ-दिल कभी,
अब आए हो पूछने जब ख़ाक में मिला दिया ?
हमें भी मिले कोई चाहने वाला,
हम तो प्यार के लिए बेकरार बैठे हैं।
कोई वादा करे जो सपनो में आने का,
हम तो उम्र भर सोने को तैयार बैठे हैं।
दुनिया का हर शौक पाला नही जाता,
कांच के खिलौनों को यूँ उछाला नहीं जाता।
मेहनत करने से मुश्किले हो जाती हैं आसान, हर काम तकदीर पे डाला नहीं जाता।
2 Comments:
बहुत बढ़िया!
priya raviji,apki ghazale padhi.palko me khwab behatar hai.badhai.
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