नदी हरदम दौड़ती रहती है
पर्वतों को लांघती
चट्टानों से टकराती
मैदानों को पार करती
मरुस्थलों को चूमती
अति उत्साहित
इतराती भागती जाती है
अजब उसकी ये बेताबी है
सागर से मिलने की
जानती है जब मिलेगी
तो उसका शेष न रहेगा कुछ भी
अस्तित्व ही अपना खो देगी
फ़िर भी
छुपाये नही छुपती बेकरारी
और खुशी उसकी
क्योंकि जानती है की खो जाने में ही
अनंत हो जायेगी , सागर ही हो जायेगी
पर हा रे ! मानव की त्रासदी ,
चाह ही नही 'उस परम' से मिलन की
जुदा जुदा सा भटक रहा
आई न सुध 'पी' से मिलन की
पेट में कीड़े होने के हैं यह लक्षण, जान लीजिये
-
यह समस्या खासकर छोटे बच्चों में होती है। कई बार व्यस्कों को भी इसकी शिकायत
रहती है। हम आज की इस पोस्ट में जानेंगे कि पेट में कीड़े होने के क्या क्या
लक्षण...
6 years ago
2 Comments:
गहरी अमूर्त चिंतन...बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति...ऐसे ही लिखते रहें विजय जी....
क्योंकि जानती है की खो जाने में ही
अनंत हो जायेगी , सागर ही हो जायेगी
पर हा रे ! मानव की त्रासदी ,
चाह ही नही 'उस परम' से मिलन की
जुदा जुदा सा भटक रहा
आई न सुध 'पी' से मिलन की
बहुत सुन्दर और सार्थक अंतर्मन को छूती अभिव्यक्ति आभार्
Post a Comment