ढूंढता है ज़माना बेदाग चाँद सितारो मे
अरे वो तो जगमगा रहा है मेरी बाहो मे
हैरान है सब, फलक पे नही है सितारे
बिछा दिये हम ने सारे उनकी राहों मे.
उसकी आंखो मे बंद रहना अच्छा लगता है
उसकी यादो मे आना जाना अच्छा लगता है
सब कहते है ये ख्वाब है तेरा लेकिन
ख्वाब मे मुझको रहना अच्छा लगता है

2 Comments:

Anonymous said...

"सब कहते है ये ख्वाब है तेरा लेकिन
ख्वाब मे मुझको रहना अच्छा लगता है"

क्या खूब वाकई!
ऐसी सुंदर कविता लिखने के लिए धन्यवाद

shelley said...

ढूंढता है ज़माना बेदाग चाँद सितारो मे
अरे वो तो जगमगा रहा है मेरी बाहो मे
हैरान है सब, फलक पे नही है सितारे
बिछा दिये हम ने सारे उनकी राहों मे.
achchhi kavita hai badhai