कुछ अजीब सी बात आती है हर पल मेरे मन में,
वो रहते हैं हर पल मेरी खुशी और मेरे गम में।
उनकी खुशियों की हर पल हम दुआ मांगते हैं,
उनके ग़मों को सँभालने के लिए अभी जिंदा हम है।

पास रहता है, दूर रहता है
कोई मेरे दिल में ज़रूर रहता है
जब से देखा है उनकी आँखों को
हल्का हल्का सुरूर रहता है
ऐसे रहते हैं वो मेरे दिल में
जैसे ज़ुल्मत में नूर रहता है

आप पे कुर्बान मेरी यारी है
हंस के मर्जों इस की तय्यारी है
सिलसिला कभी ख़तम न हो ये दोस्ती का
हमने आप को याद किया अब आपकी बारी है।

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