चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

आपकी यादो से सिवा कोई सहारा नही
आपको सोचे बिना दिन गुज़रता हमारा नही
हर सांस मे हमारी अब आप सामने लगे हो
और आपने हमे अब तक ख्वाबो मे उतारा ही नही
मुस्कुराते चेहरे के पीछे रोता है दिल मेरा
आंखो मे है समुंद्र पर अश्क़ बहा सके नही
हम तो ज़िन्दा ही आपके प्यार के सहारे है
कैसे आये आपने होंठो से पुकारा ही नही।

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