बुत को बुत और खुदा को जो खुदा कहते हैं
हम भी देखें कि तुझे देख के क्या कहते हैं।
- दाग
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएंगे
मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएंगे।
- जौक
सितारों के आगे जहां और भी हैं,
अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं।
- इकबाल
मासूम है मुहब्बत लेकिन उसी के हाथों,
ये भी हुआ कि मैंने तेरा बुरा भी चाहा।
- फिराक गोरखपुरी
रोग पैदा कर ले कोई जिंदगी के वास्ते,
सिर्फ सेहत के सहारे जिंदगी कटती नहीं।
- फिराक गोरखपुरी
इश्क कहता है दो आलम से जुदा हो जाओ,
हुस्न कहता है जिधर जाओ नया आलम है।
- आसी गाजीपुरी
देखा न आंख उठा के कभी अहले-दर्द ने,
दुनिया गुजर गई गमे-दुनिया लिये हुये।
-फानी बदायूंनी
इश्क कहते हैं जिसे सब वो यही है शायद,
खुद-ब-खुद दिल में है इक शख्स समाया जाता।
- हाली
ऐ इश्क तूने अक्सर कौमों को खा के छोड़ा,
जिस घर से सर उठाया उसको बिठा के छोड़ा।
- हाली
इश्क में कहते हो हैरान हुये जाते हैं,
ये नहीं कहते कि इन्सान हुए जाते हैं।
- जोश मलीहाबादी
इश्क ने ''ग़ालिब'' निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के ।
- ग़ालिब
इश्क में कहते हो हैरान हुये जाते हैं,
ये नहीं कहते कि इन्सान हुए जाते हैं।
- जोश मलीहाबादी
हम भी देखें कि तुझे देख के क्या कहते हैं।
- दाग
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएंगे
मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएंगे।
- जौक
सितारों के आगे जहां और भी हैं,
अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं।
- इकबाल
मासूम है मुहब्बत लेकिन उसी के हाथों,
ये भी हुआ कि मैंने तेरा बुरा भी चाहा।
- फिराक गोरखपुरी
रोग पैदा कर ले कोई जिंदगी के वास्ते,
सिर्फ सेहत के सहारे जिंदगी कटती नहीं।
- फिराक गोरखपुरी
इश्क कहता है दो आलम से जुदा हो जाओ,
हुस्न कहता है जिधर जाओ नया आलम है।
- आसी गाजीपुरी
देखा न आंख उठा के कभी अहले-दर्द ने,
दुनिया गुजर गई गमे-दुनिया लिये हुये।
-फानी बदायूंनी
इश्क कहते हैं जिसे सब वो यही है शायद,
खुद-ब-खुद दिल में है इक शख्स समाया जाता।
- हाली
ऐ इश्क तूने अक्सर कौमों को खा के छोड़ा,
जिस घर से सर उठाया उसको बिठा के छोड़ा।
- हाली
इश्क में कहते हो हैरान हुये जाते हैं,
ये नहीं कहते कि इन्सान हुए जाते हैं।
- जोश मलीहाबादी
इश्क ने ''ग़ालिब'' निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के ।
- ग़ालिब
इश्क में कहते हो हैरान हुये जाते हैं,
ये नहीं कहते कि इन्सान हुए जाते हैं।
- जोश मलीहाबादी
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