न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान बुधवार, 24.09.2008 को भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी से मुलाक़ात की.
मुलाक़ात के बाद दोनों देशों की ओर से जारी किए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की बातचीत अगले तीन महीनों में होगी.
अभी तक दोनों पक्षों के बीच बातचीत के चार दौर पूरे हो चुके हैं और अब पाँचवें दौर की बातचीत पर सहमति बनी है. दोनों नेताओं ने अबतक चार दौर की बातचीत के नतीज़ों पर भी चर्चा की.
यह भी तय हुआ कि आतंकवाद पर रोक लगाने के मकसद से दोनों देशों के बीच एक संयुक्त आतंकवाद निरोधक कार्यक्रम पर इस वर्ष अक्टूबर महीने में काम किया जाएगा.
इस दौरान अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय दूतावास पर हुए हमले की भी चर्चा होगी.
संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के योजना आयोग एक दूसरे से संपर्क बनाए रखेंगे ताकि विकासकार्यों में एक दूसरे का सहयोग किया जा सके. इसमें ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की भी बात कही गई है.
दोनों देशों ने स्वीकारा की सीमा पर चल रहा संघर्षविराम क़ायम और स्थिर रहना चाहिए. इसके लिए यह भी तय किया गया कि सेक्टर कमांडर स्तर के अधिकारी इस बाबत एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे ताकि किसी ओर से संघर्षविराम का उल्लंघन न हो.
दोनों ओर से व्यापार, आर्थिक सहयोग, संपर्क और द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत बनाने की दिशा में कुछ अहम घोषणाएं की गईं.
बहरहाल, ये पहला मौक़ा था जब दोनों नेताओं की मुलाक़ात हुई है. मुलाक़ात के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आसिफ़ अली ज़रदारी को पाकिस्तान का राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई भी दी.
यह तो सचमुच में दोनों देशों की शान्ति और संमृद्धि की दिशा में एक बहुत अच्छा संकेत है.

1 Comments:

manvinder bhimber said...

achchi post ke liye badhaaee