गर्म 'दिन' के क्रूर बाज़ ने
झपट्टा मार कर
आख़िर दबोच ही लिया
उषा की मासूम लाली को
दिशाएं सभी जलने लगी
चारों तरफ़ हाहाकार मच उठा
हवाएं गर्म जो बहने लगीं
ज़मीं का सीना भी धधकने लगा
आग उगलते 'दिन' के विकराल पंजों से
कोई बच न सका
सुलगता सा सन्नाटा पसरा
बेबस बहुत जीवन लाचार हुआ
चिडिओं का चहकना और
गायों का रम्भाना भी बंद हुआ
गली में फेरीवालों का पुकारना और
बच्चों का कोलाहल भी बंद हुआ
सूने हुए गली मोहल्ले
या रब्ब ये कैसा 'दिन' का कहर हुआ
जीवन ज़मीं पर एकदम थम सा गया
यह देख 'संध्या' ने अपना कोमल आँचल फैलाया
सूरज को निष्ठुर 'दिन' का कहर बताया
सुनकर कारस्तानी अपने 'दिन' की
सूरज शर्म से बहुत लाल हुआ
लेकर अपने 'दिन' को साथ अपने
चुपचाप पर्वतों की ओट में जा छुपा
जीवन धरा पर आनंद से लौट आया
अगर आप मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के दर्द से हैं परेशान, तो जानें कैसे
मिलेगा आराम
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मौजूदा भागमभाग वाली जिंदगी में पता नहीं कब शरीर के किसी भाग का दर्द हमारी
दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है, इसका हमें पता भी नहीं चलता। सुबह उठने के बाद
अक्सर...
5 years ago
3 Comments:
ग्रीष्म ऋतु का इतना सजीव सटीक सुन्दर वर्णन.....बहुत दिनों बाद पढने को मिला....वाह !!! आनंद आगया....
बहुत बहुत आभार.
ग्रीष्म ऋतु का इतना सजीव सटीक सुन्दर वर्णन.....बहुत दिनों बाद पढने को मिला....वाह !!! आनंद आगया....
बहुत बहुत आभार.
वाह...क्या बयान किया है गर्मी केमौसम को ................ काव्यात्मक सफ़र मौसम का.........लाजवाब
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