इस दिल में भी हसरतें बाकी है।
तेरी वफ़ा का अभी करना हिसाब बाकी है।
जो सवाल हमारी दिल की तड़प ने है पूछे,
उनकी वफ़ा में लिखना हिसाब बाकी है।
सियाही सुख भी जाए कल तेरे लौटने तक,
तू घबराना नही मेरे रगों में लहू बाकी है।
इस ज़िन्दगी की ख़त्म नही किताब यहीं,
पन्ने दिलचस्प अभी पलटने बाकी है।
4 Comments:
बढ़िया। पढ़वाते जाइए, हम पढ़ रहे हैं।
घुघूती बासूती
इस ज़िन्दगी की ख़त्म नही किताब यहीं,
पन्ने दिलचस्प अभी पलटने बाकी है।
waah bahut sunder baat aashawadi.
लाजवाब नज़्म है..............बहुत कुछ हिसाब बाकी है
Kya Likhte Hai Ji Aap Bahut Hi Achha Dil Ko Chhu gaya
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