वो कहके चले इतनी मुलाकात बहुत है,


मैंने कहा रुक जाओ अभी रात बहुत है।


आँसू मेरे थम जाए तो फिर शौक से जाना,


ऐसे में कहाँ जाओगे बरसात बहुत है।

8 Comments:

अजय कुमार said...

कमाल की लाइनें हैं

रंजना said...

WAAH......

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बेहतरीन अभिव्यक्ति .... बहुत सुंदर कविता.... दिल को छू गई....

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब रवि जी ....... अभी न जाओ छोड़ कर ..... ये दिल अभी भरा नही .......

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढ़िया!!!

Archana Gangwar said...

wah... kya baat hai

संजय भास्‍कर said...

बेहतरीन अभिव्यक्ति .... बहुत सुंदर कविता.... दिल को छू गई....

संजय भास्‍कर said...

lajwaab rachna...