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एहसास होगा जब हम तुमसे दुर हो जायेंग़े
आंखो मे आंसू होंग़े पर नज़र ना आयेंगे
कोई साथ ना दे तो हमे याद करना
आसमान मे भी होंग़े तो लौट आयेंग़े
उनके नैनो के आशियाने मे हम कही खो से गये
उनकी हसीन बाहो मे हम कही सो से गये
अब तो प्यार की लेहरो ने हमे कुछ भीगा सा दिया
और उनके प्यार का सपना कुछ सजा सा दिया
1 Comments:
१. बहुत खूब है प्यार की पराकाष्टा .....'आसमान मे भी होंग़े तो लौट आयेंग़े'
२. अलग-अलग दो कवितायें सी लगती हैं.
३. कविता छाया चित्र सारगर्भित लगता है ...."हम कही खो से गये"
४. रवि जी बधाई.
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