एक रात
अनमनी सी
मचलती रही
जुल्फों की छाँव में
कहने को
क्या हुआ,
तन-मन को
जब छुआ !
एक बात
अजनबी से
हवा हो गई
पनघट की ठांव में !
० राकेश 'सोहम'
अगर आप मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के दर्द से हैं परेशान, तो जानें कैसे
मिलेगा आराम
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मौजूदा भागमभाग वाली जिंदगी में पता नहीं कब शरीर के किसी भाग का दर्द हमारी
दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है, इसका हमें पता भी नहीं चलता। सुबह उठने के बाद
अक्सर...
5 years ago
5 Comments:
सुन्दर रचना। बधाई
behad khubsoorat rachana....likhate rahe
lajawaab ......... bahoot hi sundar likha hai
बहोत ही खुबसूरत भाव का सामंजस्य है बहुत बहुत बधाई साहिब...
अर्श
सुन्दर एहसास की पंक्तियाँ। वाह।
ऐसे सुन्दर पल मिलेंगे
जाकर अपने गाँव में
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
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