तू कर दे एक इशारा मेरा पता बता दे…
कहने को तो जिन्दगी हमे भी मिली है,,
पर तू जीने की एक वजह बता दे…
तेरे दिल में अब भी मेरा आशियाना बसता है,,,
लब्जो से न सही आंखों से ही जता दे….
तू कर दे एक इशारा मेरा पता बता दे,,,
सितारों की महफिल सजी थी हर तरफ़
फिर भी रौशनी को तरस गए थे हम
महताब जो बन गए आप जिंदगी के
अब अंधेरों का हमसे नाता कैसा
खुदा से जो मांगी हमने दुआएं
कबूल किया उन्होंने हमारी मोहब्बत को
ज़माना हमे अब भुला दे भी तो क्या
हमे अब ज़माने से शिकवा कैसा।
अगर आप मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के दर्द से हैं परेशान, तो जानें कैसे
मिलेगा आराम
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मौजूदा भागमभाग वाली जिंदगी में पता नहीं कब शरीर के किसी भाग का दर्द हमारी
दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है, इसका हमें पता भी नहीं चलता। सुबह उठने के बाद
अक्सर...
5 years ago
4 Comments:
खुदा से जो मांगी हमने दुआएं
कबूल किया उन्होंने हमारी मोहब्बत को
ज़माना हमे अब भुला दे भी तो क्या
हमे अब ज़माने से शिकवा कैसा।
khoobsurat
वाह क्या खूब कहा
हमे अब ज़माने से शिकवा कैसा...
खुदा से जो मांगी हमने दुआएं
कबूल किया उन्होंने हमारी मोहब्बत को
ज़माना हमे अब भुला दे भी तो क्या
हमे अब ज़माने से शिकवा कैसा।
वाह
खुदा से जो मांगी हमने दुआएं
कबूल किया उन्होंने हमारी मोहब्बत को
ज़माना हमे अब भुला दे भी तो क्या
हमे अब ज़माने से शिकवा कैसा।
SACH MEIN AGAR KHUDA YA MAHBOOB, JO BHI HAI, HAMAARI DUAAYEN MAN LE TO KISI SE BHI KYA SHIKAAYAT.......
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