मैं आड़ीतिरछी जड़ें भर रह गया हूँ
कहीं कोई फूल खिलता नही
कहीं कोई सुगंध भी उठतीनही
दीमक लगे तने सा भुरभुराने लगा हूँ
तेज़ हवाओं के वेग से पत्ते पत्ते सा झरने लगा हूँ
प्राण रिक्त है आशा कोई जगती नही
कौन सींचे जड़ों को बागबाँ ही आता नही
उन्मुक्त एरावतोंका झुंड मंडरा रहा है पास ही
किससेकरे गुहार आनंद
नाखुदा कोई नज़र आता नही।
पेट में कीड़े होने के हैं यह लक्षण, जान लीजिये
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यह समस्या खासकर छोटे बच्चों में होती है। कई बार व्यस्कों को भी इसकी शिकायत
रहती है। हम आज की इस पोस्ट में जानेंगे कि पेट में कीड़े होने के क्या क्या
लक्षण...
6 years ago
2 Comments:
कहीं कोई सुगंध भी उठतीनही
दीमक लगे तने सा भुरभुराने लगा हूँ
Vaah.........kya khoob kaha hai in shabdon mein... lajawaab
bahut hi khub........badhaaee
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