परिस्थितियां कभी भी आपके वश में नहीं होतीं लेकिन आध्यात्म आपको संकटकालीन परिस्थितियों का सामना करने में सहायता करता है। इसलिए बड़ी संख्या में लोगों का आध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ रहा है। संकटकालीन परिस्थितियों से पार पाने के लिए अधिकांश लोग आध्यात्म की शरण में जा रहे हैं। संकटकालीन परिस्थिति में आध्यात्म से बेहद सुकून मिलता है। यह धर्म से परे है। अध्यात्म, योग और ध्यान के महत्त्व को अब युवा वर्ग भी समझने लगा है। युवा पीढ़ी का जिक्र होते ही सामने आती है बेफिक्री में डूबी मौज-मस्ती की जिंदगी, जिसमें दोस्तों का साथ हो, डिस्को और होटलों की रंगीन शाम हो। अधिकतर भजन-कीर्तन बुजुर्गों का काम माना जाता था, लेकिन अब माहौल बदला हुआ है। आज बढ़ती प्रतियोगिताओं, महत्वाकांक्षा, जिंदगी में आई जटिलता ने कई चीजों को बदला है। यही वजह है कि युवा पीढ़ी का झुकाव भक्ति और ध्यान की ओर अधिक होता जा रहा है। आध्यात्म से संबंधों को मजबूत किया जा सकता है। सामान्यत: ऐसा होता है कि हम आगे बढ़कर माफी मांगने और ‘सॉरी’ कहने से कतराते हैं। आध्यात्म आपको ऐसे मामलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।


अब युवाओं की जिंदगी में एक नया बदलाव आ रहा है। उनकी सोच बदल रही है। वे इन सबके साथ-साथ ईश्वरीय आस्था में भी प्रवृत्त हो रहे हैं। युवा ध्यान योग को अपना रहे हैं, लेकिन दिल के किसी कोने में जीवन की बुलंदियों को छूने की चाहत भी हिलोंरें मारती है और इससे निस्संदेह एकाग्रता व कार्यक्षमता में बढ़ोत्तरी हो रही है। तनाव दूर करने और ज़िन्दगी में सफलता पाने के लिए योग व भक्ति अब उनकी जिंदगी का हिस्सा बनते जा रहे हैं।


पूरी दुनिया किसी न किसी समस्या से परेशान है और ऐसे में अध्यात्म ही ऐसा मंत्र है जो सबका समाधान कर सकता है। सभी देशों में आंतरिक और बाह्य हिंसा ने लोगों को मानसिक रूप से परेशान करके रखा हुआ है। इन सभी समस्याओं का समाधान अध्यात्म से हो सकता है। आध्यात्म में ध्यान करने की पद्धति मनोवैज्ञानिक पद्धतियों से काफ़ी अलग है। यह आसान और प्रभावशाली है। यह तनावों को दूर करके आपको मानसिक रूप से बिल्कुल तरोताजा बनाती है। ध्यान के माध्यम से आपको उस आनंद की प्राप्ति होगी जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी। यही कारण है कि आज-कल लोगों का झुकाव आध्यात्म की और बढ़ने लगा है। देश में अनेक स्थानों पर बड़े–बड़े ध्यान- योग शिविर लगाए जा रहे हैं। निजी व पेशेवर जिंदगी से जुड़ी समस्याओं से घिरे सभी सम्प्रदायों व वर्गों के लोग आध्यात्म की ओर भाग रहे हैं। न सिर्फ औद्योगिक जगत के बल्कि सभी क्षेत्र के लोगों का आध्यात्म के प्रति रूझान बढ़ा है। यही नहीं, काम के क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, आपाधापी और तनाव भी लोगों का ध्यान ईश्वर की ओर खींच रहा है। लोग तनाव दूर करने के लिए आध्यात्म का सहारा लेते हैं। मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ जीवन जीने की कला के रूप में अब यह पूरे विश्व जन-मानस में प्रतिष्ठित हो रहा है।

1 Comments:

अशोक सोनाणा said...

लेख सुन्दर है लेकिन जानकारिप्रद होने के आलावा प्रेरणाप्रद होना चाहिये