गुज़र गयी रात आंखों आंखों में,
हो गयी मुलाक़ात आंखों आंखों में।
सदियों से प्यासी थी मोहब्बत,
हो गयी बरसात आंखों आंखों में।

मिल न सके थे दिल कभी दिल से,
हो गयी मुलाक़ात आंखों आंखों में।
एहादेवाफा और कसमों की भी,
हो गयी शुरुआत आंखों आंखों में।

दे दिया दिल एक दूजे को,


हो गयी सौगात आँखों आँखों में।

2 Comments:

विनोद श्रीवास्तव said...

खूबसूरत कविता और बेहद खूबसूरत फोटो.
विनोद श्रीवास्तव

मोहन वशिष्‍ठ said...

वाह जी बहुत खूबसूरत एक बेहतरीन कविता फोटो भी आपने गजब का लिया है बधाई हो