उन्होंने देखा और आँसू गिर पड़े,
भारी बरसात में जैसे फूल बिखर पड़े।
उन्हों ने कह दिया अलविदा...
और कहकर ख़ुद ही रो पड़े।
साथ रहते-रहते यूँ ही वक्त गुज़र जायेगा,
बाद कौन किसे याद आएगा।
जी लो ये पल जब साथ है,
कल क्या पता वक्त किसे कहाँ ले जायेगा।
हम याद रहें तो ठीक, वरना भुला देना।
हुई हो कोई खता हमसे, तो सजा देना।
वैसे तो हम हैं खाली कागज़ की तरह,
लिखा जाए तो ठीक, वरना ज़ला देना।
0 Comments:
Post a Comment