ये क्या कह डाला तुमने बातो ही बातो मे
बेकरार दिल को सुकुन आ गया है अभी-अभी
रुख बहारो का कुछ बदला-बदला सा है
मुझको तेरा प्याम मिला है अभी-अभी
एक नुर से जगमगा रहा है घर मेरा
उम्मीद का चराग जला है अभी-अभी
खिलती हुई कलियो ने दी है ये खबर
दिल का हसीन राज़ खुला है अभी-अभी
खिलती हुई कलियो ने दी है ये खबर
दिल का हसीन राज़ खुला है अभी-अभी
राहो मे बिछाये है फूल बहारो ने
यूँ जो मेरे साथ तू चला है अभी-अभी
फलक से चाँद उतर आया है ज़मीन पर
आंखो मे तेरे प्यार पाया है मैने अभी-अभी
हमने सजा ली है अब तो अपने दिलो की दुनियाँ
मुद्दतो बाद आया है दिल को चैन अभी-अभी

1 Comments:

दिगम्बर नासवा said...

रुख बहारो का कुछ बदला-बदला सा है
मुझको तेरा प्याम मिला है अभी-अभी ...

LAJAWAAB LIKHAN HAI .. PYAAR KA PAIGAAM MILE TO AISA HO JAATA HAI ...