चाँदनी रात
और मेरे हाथो मे तुम्हारा हाथ
नूर ही नूर बिखरा है
कितनी सुहानी है ये रात
सबसे जुदा होकर हम
तेरी धडकनो मे समा गये
खुद को खो दिया हमने
ना जाने कैसी हुई तुमसे मुलाकात
तेरे हाथो की लक़ीरो मे
देखा है अपना नसीब
तेरे ही नाम से शुरू होकर
तुझ पर आकर खत्म हो
मेरी हर एक बात
प्यार के सफर के हम दो राही
चले है एक दुजे के साथ
दिल की दुनियाँ भी बसाई है
हमने देके दिल की सौगात
फलक पर यूँ उमड आये बादल बन के प्यार,
भीगे हम भी रात हुई कुछ ऐसी बरसात।
तस्सव्वुर मे रहती है हर दम बन के हम ख़याल,
अपने चाँद से अपने मेहबूब से मेरी ये मुलाकात।
7 Comments:
फलक पर यूँ उमड आये बादल बन के प्यार,
भीगे हम भी रात हुई कुछ ऐसी बरसात।
तस्सव्वुर मे रहती है हर दम बन के हम ख़याल,
अपने चाँद से अपने मेहबूब से मेरी ये मुलाकात।
behad khubsurat jazbaat,baan karne ka andaaz bhi sunder,waah
तेरे हाथो की लक़ीरो मे
देखा है अपना नसीब
..उम्दा!
चांद और प्रेम का संबन्ध शालीनता का प्रतीक है जिसमे प्रेम की अनुभूति सहज़ ही मन मे उतर जाती है. चांदनी रात मे खुबसूरत ख्याल..बधाई..
प्रतिबिम्ब
www.merachintan.blogspot.com
खुब्सूरत सी रचना के लिये बधाई
्रचना बहुत खूबसूरत है बधाई
तुझ पर आकर खत्म हो
मेरी हर एक बात
प्यार के सफर के हम दो राही
चले है एक दुजे के साथ
khoobsoorat एहसास में likhi रचना ......... बहुत sundar
तेरे ही नाम से शुरू होकर
तुझ पर आकर खत्म हो
मेरी हर एक बात
प्यार के सफर के हम दो राही
चले है एक दुजे के साथ
दिल की दुनियाँ भी बसाई है
हमने देके दिल की सौगात
फलक पर यूँ उमड आये बादल बन के प्यार,
भीगे हम भी रात हुई कुछ ऐसी बरसात।
तस्सव्वुर मे रहती है हर दम बन के हम ख़याल,
अपने चाँद से अपने मेहबूब से मेरी ये मुलाकात।
ek ek lafz dil ko chhoo gaya hai......
aur bhi jo kavitayen hain....... sab bahut hi shaandaar hain......
abhi shaam mein aa ke phursat mein padhoonga......sabko.........
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