सोये हुए अरमान जगा रहा है आज,
यह कौन सा राग सदा दे रहा है आज।
मेरी साँसों में यह किसकी खुशबू है आज,
यह कौन है जिसने मुझे जगाया है आज।


मेरी पलकों की राहों पे जगमगाता हुआ,
यह कौन है जो बाहें फैला के बुला रहा है आज।
कोई मेरे लब पे मुस्कान बनके खिल रहा है आज,
यह कौन है जो मुझीको मुझसे चुरा रहा है आज।


यह कौन है ? कौन है ?
जिसको मेरी नज़र तलाशती है आज?

2 Comments:

abhibyakti said...

bhuracchi rachna

bhut bhut badhai

gargi

Udan Tashtari said...

बहुत बेहतरीन!!