हर महफिल में तेरे आने का इंतज़ार करते हैं।
एक बार आ जाए तू खुदा से फरियाद करते हैं।
तेरे दीदार को तरस गई है यह आँखें मेरी,
अब तो हर मंज़र में हम ,तुझे ही ढूंडा करते हैं।


तेरी चाहतों ने उस मोड़ पर ला खड़ा किया है मुझे,
की तेरी याद में हम जीते है और न मारा करते हैं।
मिल कर तुमसे एक बात और कहनी है दिल की,
कि सनम, हम तो सिर्फ़ तुमसे प्यार करते हैं।
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साथ नही रहने से रिश्ते नही टूटा करते,
वक्त की धुंध से लम्हे नही टूटा करते।
लोग कहते हैं मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है सपने नही टूटा करते।

1 Comments:

दिगम्बर नासवा said...

साथ नही रहने से रिश्ते नही टूटा करते,
वक्त की धुंध से लम्हे नही टूटा करते।
लोग कहते हैं मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है सपने नही टूटा करते।

गुलज़ार की याद करा दी ...............
बहूत ही बेहतरीन है यह शेर......आप बहूत ही खूबसूरत लिखते हैं