अगर आप चाहते हैं कि नींद के दौरान मधुर सपने आएँ तो सोते समय अपने कमरे में सुगंधित फूल रखकर सोएँ.
एक नए शोध से ये जानकारी सामने आई है.
इस शोध में नींद के दौरान कुछ लोगों को ग़ुलाब सूंघाए गए. बाद में इन लोगों ने बताया कि उन्हें नींद में मधुर सपने आए.
जर्मनी के कुछ वैज्ञानिकों ने बताया कि जब नींद के दौरान कुछ महिलओं को सड़े हुए अंडे सूंघाए गए तो इसका असर एकदम उलटा हुआ.
ये वैज्ञानिक अब उन लोगों पर शोध करना चाहते हैं जिन्हें दुस्वप्न आते हैं.
यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल मेनहिम के प्रोफ़ेसर बॉरिस स्टक और उनके सहयोगियों का मानना है कि ऐसा हो सकता है कि ख़ुशबू से मधुर सपने आने में मदद मिल सकती है.
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने उस चरण का इंतज़ार किया जिसमें सबसे ज़्यादा सपने आते हैं (आरईएम स्टेज) और तब 10 सैंकेड तक आस-पास खुशबू बिखेरी गई. फिर एक मिनट बाद उन्हें जगाया गया.
इन लोगों से उनके सपनों के बारे में पूछताछ की गई. हालांकि इनमें किसी को ख़ुशबू के बारे में ख़ास एहसास नहीं हुआ लेकिन इस दौरान उनके सपनों का रंग कुछ बदला-बदला सा था.
पूर्व में हुए शोध बताते हैं कि आवाज़ और दबाव जैसे कारणों से भी सपनों पर असर पड़ता है.लंदन स्लीप सेंटर के डॉक्टर इरशाद इब्राहिम बताते हैं, “सपनों और आस-पास के माहौल के बीच संबंध के बारे में कुछ हद तक जानते हैं, ये ताज़ा शोध एक शुरुआती क़दम है ताकि तमाम सवालों का जवाब मिल सके और चिकित्सा-विज्ञान में इससे मदद भी मिलेगी.”

With spl.thanks to BBC.


बिन उसके जिंदगी दर्द है तन्हाई है,
मेरी आंखों में क्यों रात सिमट आई है,
कहते है लोग इश्क को इबादत यारों,
इबादत में फिर क्यों रुसवाई है।


वो न आया तो दिल को लुभाने को मेरे,
शब्-ऐ-हिज्र में उसकी याद चली आई है,
महफिल में रह कर भी तनहा रहना,
ये अदा उसकी मोहब्बत ने सिखलाई है।


ये भी उसकी मोहब्बत की इनायत है यारों,
मैं तमाशा बना और दुनिया तमाशाई है,
इंतज़ार में किसी के न रात को बरबाद करना,
डूबते तारों ने मुझे बात यही समझाई है।
उससे तालुक ही कुछ ऐसा रहा है दोस्तों,
जब भी सोचा उसे आँख भर आई है।


आँखें है मेरी वीरान,
दिल में उठे तूफ़ान,
सपनो में आ के,
मेरे दिल में समा के,
मेरे मीत बन गए अनजान,
ये हवाएं क्यों रुलाएं,
छाई रात अँधेरी,
तू जो न हुई मेरी,
देख अकेला मुझे,
घुमड़ती हवाओं में,
बादलों ने डाला है घेरा,
ये घटाएं क्यों सताएं,
आई यहाँ, सुनी रातें,
रिमझिम रिमझिम बरसे सावन,
आया कैसा ये मौसम,
उम्मीदें भी बह गई ,
आंसुओं की धार में,
भीगा मेरा तन और मन,
ये फिजायें क्यों रुलाएं,
आई यहाँ, सुनी रातें.


तुम इस तेज़ धुप भरे जीवन में नीम की एक शीतल छांव हो.
शोर-गुल से भरे सरसों के बीच प्यारा सा एक गाव हो.
तुम कहते हो, आज तुम्हे एक दोस्त मिला,
मई तो कहता हु की तुम दोस्तों की जान हो।


खुदा करे तुझे कभी अकेले न रहना पड़े,
दोस्तों से हमेशा घिरी रहना तुम.
पर मेरे जैसे एक आम से दोस्त को भी
कभी कभी याद करते रहना तुम.

आप जाते हुए हमसे वादा कर गए
के अब सिर्फ़ ख़्वाबों मैं ही आयेंगे.
खुदा करे आप अपना वादा निभाए, कसम से
हम जिंदगी भर के लिए सो जायेंगे।


बहुत ही याद आता है मेरे दिलको तडपता है,
वो तेरा पास न होना बहुत मुझको रुलाता है,
वो मेरा तेरी आंखों के समुन्दर में उतर जाना,
और तेरी मुस्कराहट के भंवर में डूबते जाना,
तेरी आवाज़ के शहर से न निकल पाना,
तुझको देखना और बे-खुदी से देखते जाना,
बहुत चाहा इन गुज़रे हुए लम्हों को न सोचूं,
न तेरी याद में रहके तेरे साथ का सोचूं,
भुला दूँ सारी यादों को जिनसे दिल तड़पता है,
कि जिनसे ठेस उठती है के जिनसे दर्द होता है,
मगर जब रात आती है तो तेरी याद आती है,
तेरे ही ख्वाब होते है तेरी ही बात होती है,
तो तय पाया अब मुमकिन नही तुझको भुला देना,
तेरी याद में रहना तुझे ही सोचते रहना,
तुझे जब याद करते है तो दिल अपना तड़पता है,
वो तेरा पास न होना बहुत महसूस होता है।
देश के रोजाना रेल से सफर करने वाले एक करोड़ 70 लाख लोग एक नई सेवा से ऑनलाइन आरक्षण कराने के लिए समस्त जानकारी केवल एक खोज से प्राप्त कर सकेंगे।यह सुविधा देश की ऑनलाइन ट्रैवल एजेन्सी उद्योग की अग्रणी कम्पनी ‘क्लीयरट्रिप’ ने भारतीय रेलवे केटरिंग एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के साथ भागीदारी पर उपलब्ध कराई है, जिसमें उपयोगकर्ता को किराए, समय सूची और उपलब्धि एक ही समय पर देखने पर मिल सकती है। आप http://www.cleartrip.com/trains पर जाकर सभी जानकरियां हासिल कर सकते हैं। उपयोगकर्ता एक ही समय पर उच्च श्रेणियों का भाड़ा भी देखकर यात्रा का विकल्प भी चुन सकते हैं।क्लीयरट्रिप के संस्थापक हर्ष भट के अनुसार इस सुविधा में हर रेलगाड़ी के आने-जाने के समय, बीच के स्टेशनों की संख्या और रेलमार्ग की जानकारी दी गई है। भुगतान करने के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या एटीएम कार्ड और नैट बैकिंग जैसे विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं। ‘क्लीयरट्रिप’ के माध्यम से किए जाने वाले सभी आरक्षण उपयोगकर्ता किसी भी समय उनका आरक्षण ऑनलाइन पद्धति से रद्द कर सकता है।

कुछ अजीब सी बात आती है हर पल मेरे मन में,
वो रहते हैं हर पल मेरी खुशी और मेरे गम में।
उनकी खुशियों की हर पल हम दुआ मांगते हैं,
उनके ग़मों को सँभालने के लिए अभी जिंदा हम है।

पास रहता है, दूर रहता है
कोई मेरे दिल में ज़रूर रहता है
जब से देखा है उनकी आँखों को
हल्का हल्का सुरूर रहता है
ऐसे रहते हैं वो मेरे दिल में
जैसे ज़ुल्मत में नूर रहता है

आप पे कुर्बान मेरी यारी है
हंस के मर्जों इस की तय्यारी है
सिलसिला कभी ख़तम न हो ये दोस्ती का
हमने आप को याद किया अब आपकी बारी है।