सीने मे लिये तेरी यादो को
हम तो दुर कही चले जायेंगे
या वादिया ये मौसम और ये नज़ारे
इन्हे हम तो कभी ना भूल पायेंगे
क्या भूलू क्या याद करू
अपनी यादे तुझको सौगात करू
वादा नही पर एक चाह है दिल मे
तुमको मिलने को हम फिर आयेंग़े
जिन्दगी नही तो चन्द लम्हे ही बितायेंगे
ए मेरे शहर शायद हम भी तुझको याद आयेंग़े
6 Comments:
बहुत अच्छा लिखा है रवि जी ........ यादें कहीं नही जाती ...........
जिन्दगी नही तो चन्द लम्हे ही बितायेंगे
ए मेरे शहर शायद हम भी तुझको याद आयेंग़े
यादों का खजाना गुम नही हो सकता
Sundar bhavabhivyakti...
सुन्दर रचना के लिये बधाई
BEHTREEN RACHNAA.....
यादें संजोने के लिए ही होती हैं .
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