सीने मे लिये तेरी यादो को


हम तो दुर कही चले जायेंगे


या वादिया ये मौसम और ये नज़ारे


इन्हे हम तो कभी ना भूल पायेंगे


क्या भूलू क्या याद करू


अपनी यादे तुझको सौगात करू


वादा नही पर एक चाह है दिल मे


तुमको मिलने को हम फिर आयेंग़े


जिन्दगी नही तो चन्द लम्हे ही बितायेंगे


ए मेरे शहर शायद हम भी तुझको याद आयेंग़े

6 Comments:

दिगम्बर नासवा said...

बहुत अच्छा लिखा है रवि जी ........ यादें कहीं नही जाती ...........

अजय कुमार said...

जिन्दगी नही तो चन्द लम्हे ही बितायेंगे
ए मेरे शहर शायद हम भी तुझको याद आयेंग़े

यादों का खजाना गुम नही हो सकता

रंजना said...

Sundar bhavabhivyakti...

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर रचना के लिये बधाई

संजय भास्‍कर said...

BEHTREEN RACHNAA.....

राकेश 'सोहम' said...

यादें संजोने के लिए ही होती हैं .