साथ जो है तुम्हारा तो हर पल सुहाना लगता है,
न होगा कभी कोई गम ऐसा मुझे लगता है ।
जानते तो नही हैं कि तकदीर में लिखा क्या है,
मगर जो तुम साथ न हुए तो डर लगता है ॥

इस पहेली को समझने में एक ज़माना लगता है,
है सच यह कि उदास हो तुम मुझसे दूर होकर ।
पर हँसता चेहरा तुम्हारा एक बहाना सा लगता है ॥

****************************

तुम कहते कहते ही यहाँ कुछ बात ऐसी कह गए,
रोका बहुत हमने मगर दो आँसू फ़िर भी बह गए ।
रोये बहोत हैं गम में छुप-छुपकर अकेले ही यूँही,
सोचा नही था पर खुशी में भी यह साथ मेरे रह गए ॥

3 Comments:

अनिल कान्त said...

दिल के जज्बातों को आपने दिल से रखा है

Anonymous said...

इस पहेली को समझने में एक ज़माना लगता है,
है सच यह कि उदास हो तुम मुझसे दूर होकर ।
पर हँसता चेहरा तुम्हारा एक बहाना सा लगता है ॥
waah bahut hi badhiya badhai

दिगम्बर नासवा said...

साथ जो है तुम्हारा तो हर पल सुहाना लगता है,
न होगा कभी कोई गम ऐसा मुझे लगता है ।
जानते तो नही हैं कि तकदीर में लिखा क्या है,
मगर जो तुम साथ न हुए तो डर लगता है ॥

अद्भुद रचना, मज़ा आ गया, BHAVPOORN RACHNA HAI