Showing posts with label रियल लव. Show all posts
Showing posts with label रियल लव. Show all posts

मोहब्बत नासमझ होती है, समझाना ज़रूरी है,
जो दिल में है उसे आंखों से कहलवाना ज़रूरी है।
उसूलों पर जो आँच आए तो टकराना ज़रूरी है,
जो जिंदा है तो फ़िर जिंदा नज़र आना भी ज़रूरी है।


बहुत बेबाक आँखों में ताल्लुक टिक नहीं सकता
मोहब्बत में कशिश रखने को शर्माना ज़रूरी है।
सलीका ही नही शायद उसे महसूस करने का,
जो कहते है गर खुदा है तो नज़र आना भी ज़रूरी है।