एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यूँ है.
इनकार करने पर भी चाहत का इकरार क्यों है.
उसे पाना नही मेरी तकदीर मैं शायद.
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है…!
तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है,
तेरे दिल की धड़कन मेरे दिल की जान है.
न सुनु जिस रोज़ तेरी बातें,
लगता है उस रोज़ ये जिस्म ही बेजान है।
अभी इस तरफ़ न निगाह कर,
मैं ग़ज़ल की पलकें स्वर लूँ मेरा लफ्ज़
लफ्ज़ हो आइना तुझे आईने में उतार लूँ।
कई अजनबी तेरी रह में,
मेरे पास से यूँ गुज़र गए।
जिन्हें देखकर यह तड़प हो
तेरा नाम ले कर पुकार लूँ।
दिल की बस येही आरजू है,
के कभी तुमसे मिलजाए हम,
धडकनों का यह कहना है,
तुम बिन न धड़क पायेंगे हम।
एन दूरियों में तुमको, जितना याद किया हमने,
तेरे आने पर तुमको इतना चाहेंगे हम,
मेरे बारे में हवाओ से वो कब पूछेगा
ख़ाक जब ख़ाक में मिल जाए गी तब पूछेगा
घर बसाने में यह खतरा है के घर का मालिक
रात में दिर से आने का सबब पूछेगा
अपना ग़म सबको बताना है तमाशा करना
हाल-ऐ-दिल उसको सुनाएं गे वो जब पूछेगा
जब बिचार्र्ना भी तो हँसते हुए जन वरना
हर कोई रूठ के जाने का सबब पूछेगा।
इक तबस्सुम होठों पे रक्षा है,
कोशिश है गम छुपाने की।
मेरे अहबाब समझते है,
मुझे आदत है मुस्कराने की।
किनारे मिले एक ज़माना हो गया….
ऐसा लगता है अपना भी कोई बेगाना हो गया….
वो तो चले गए हमसे दूर….
लेकिन मुश्किल इस दिल को समझाना हो गया।
Happy Valentine's Day