सूनी
हर गली पर
एक आस का दीया,
नयनों की
एक झलक से
तुम ने जला दिया ।

मन की यह
अमावस
उजाली हो गई,
परम उज्जवल
पर्व सी
दीवाली हो गई ।

सूखे
इस ठूंठ को
आतिश बना दिया ।

राकेश 'सोहम'

1 Comments:

दिगम्बर नासवा said...

आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ